The best Side of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
विधिः कृष्ण पक्ष के शनिवार से इकतीस दिन तक नित्य रात के समय एक माला जप उपर्युक्त मन्त्र का करें। इस कृत्य से मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। प्रयोग के समय यही मन्त्र ग्यारह बार पढ़कर एक-दो बताशे /मिठाई अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री को खिला देंगे, वह वशीभूत हो जायेगी। मन्त्र में अमुकी के स्थान पर स्त्री का और अमुक के स्थान पर अपना नाम बोलना चाहिए।
पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने के लिए वशीकरण मंत्रों का उपयोग प्राचीन परंपराओं में सुझाया गया है। ये मंत्र सकारात्मक ऊर्जा और आपसी समझ बढ़ाने के लिए होते हैं।
विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप कर सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार जाप करके उसे अभिमंत्रित करें। फिर उस पुष्प को जिस भी स्त्री पर फेंका जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।
हाँ, वशीकरण मंत्रों का उपयोग प्रेम सम्बन्धों में सहायक हो सकता है। इन मंत्रों का उच्चारण करके आप अपने प्रेमी या प्रेमिका के मन को प्रभावित कर सकते हैं और उनके प्रति आकर्षण बढ़ा सकते हैं। यह प्रेम सम्बन्धों को मजबूत और स्थिर बनाने में सहायता कर सकता है।
ॐ भगवती भग भागदायिनी ‘देवदत्ती’ मम मोहय कुरु कुरु स्वाहा।
वशीकरण मंत्रों का उपयोग more info विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न कारणों से किया जाता है। इन मंत्रों के उच्चारण द्वारा, व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपनी इच्छाओं को प्राप्त करने के लिए प्रभावित करने की कोशिश करता है। यह मंत्र भावनात्मक शक्ति को जगाने का कार्य करता है और आपके## वशीकरण मंत्र: आधुनिक युग में एक विचारशक्ति
नमो भगवते कामदेवाय सर्वजन प्रियाय सर्वजन सम्मोहनाय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल हन हन वद वद तप तप सम्मोहय सम्मोहाय सर्वजन मे वशं कुरू कुरू स्वाहा
मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना क्या ये कारगर उपाय है ?
(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)
इसे आप एक व्यक्ति, एक ग्रुप या समुदाय विशेष तक सिमित कर सकते है.
वशीकरण एक प्राचीन भारतीय तंत्र विद्या है, जिसका उपयोग किसी व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार प्रभावित करने या नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. हालांकि, यह एक संवेदनशील और विवादास्पद विषय है और इसका उपयोग नैतिक और कानूनी दृष्टिकोण से गलत माना जाता है.
ॐ नमो भगवते रुक्मिणीवल्लभाय आकर्षण कुरु कुरु स्वाहा॥
बार बार इसका प्रयोग न करे और जिस व्यक्ति के लिए किया है उसके अलावा किसी और के लिए इसे काम में न ले.
चन्दन, केसर, कस्तूरी, गोरोचन और कपूर का मिश्रण कर गुलाब जल या फिर गंगा जल में मिलाकर घोटे.